सरकार ने सिद्ध कर दिया कि 2022 के विधानसभा चुनाव में भी जातिय तिलिस्म बरकरार रहेगा।
संत कबीर नगर, उत्तर प्रदेश - हाल में जिले के एक कार्यक्रम में बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष श्री अरविन्द कुमार शर्मा ने एक जाति विशेष को तरजीह देकर यह सिद्ध कर दिया कि उनकी पार्टी भी जातिवादी गणित पर काम कर रही है और जो बचा खुचा सच है वह भी मंत्रीमंडल के विस्तार तक क्लीयर हो जाएगा। अब बिडम्बना इस बात की है कि एक तरफ सबका साथ सबका विकास और जातिवाद का विरोध तो दुसरी तरफ खुद जातिय संतुलन साधकर चुनाव मैदान में आने की योजना बनाना यह कहां तक तर्कसंगत है इसपर उत्तर प्रदेश समेत पुरे देश की जनता को विचार करना होगा क्योंकि किसी भी सत्तारूढ़ दल का सैद्धांतिक होना जरूरी है यानी या तो पुरे देश में जाति व वर्ण व्यवस्था खत्म कर एक समान व्यवस्था लागू कर देना चाहिए ताकि सबका साथ सबका विकास का सिस्टम धरातल पर दिखे या यदि जातिय संतुलन साधने की बात है तो जनसंख्या के अनुपात में समाज के प्रत्येक वर्गों को समान अधिकार देने पर विचार बनाए जो जनहित में न्यायसंगत कार्य होगा।