काबुल के एक अपार्टमेंट में रह रहे एक परिवार की आपबीती है जो अफगानिस्तान का हाल बयां करने के लिए काफी है।
तालिबान के शिकंजे में आने के बाद अफगानिस्तान में हालात लगातार
खराब होते जा रहे हैं। आम लोगों में इस कदर डर बैठा हुआ है इसकी बानगी आप इस घटना
से समझ सकते हैं। यह एक परिवार की आपबीती है जो अफगानिस्तान का हाल बयां करने के
लिए काफी है। काबुल के एक अपार्टमेंट में रह रहे एक परिवार का दरवाजा अचानक कुछ
सशस्त्र तालिबानों ने खटखटाया। डर के मारे 16 लोगों का परिवार बाथरूम में दुबक गया। घर की बत्तियां और मोबाइल बंद कर
दिए गए। बच्चों के मुंह पर हाथ रख दिया गया कि कहीं वो न बोल पड़ें।
डर-डर के रह रहे हैं लोग
इस परिवार के दो सदस्यों को हाल के वर्षों में मौत के घाट उतार दिया
गया है। वहीं पिछले कुछ समय से फिर यह लोग अफगानिस्तान में हो रहे बदलाव को देख
रहे हैं। इस दौरान वहां पर लोगों की मौतें हो रही हैं। काबुल स्थित अमेरिकी एंबेसी
में दिसंबर से जुलाई के बीच 152 लोगों की मौत हो गई। हालांकि
तालिबान ने इन मौतों की जिम्मेदारी नहीं ली थी। परिवार के इस सदस्य ने कहा कि हम
सभी लोगों को बहुत ज्यादा डर लग रहा है। हमने अलग-अलग देशों में वीजा के लिए
अप्लाई किया हुआ है। हम किसी भी तरह इस देश से भाग जाना चाहते हैं।
अनुमानों से बिल्कुल विपरीत हैं
हालात
अफगानिस्तान के वर्तमान हालात को बयां करते हुए इस परिवार के एक
अन्य सदस्य ने कहा कि यहां पर खाना सीमित है। चीजों के दाम बहुत ज्यादा बढ़ चुके
हैं। उसने कहा कि मेरे परिवार की हालत खराब है। यह सब उन अनुमानों के बिल्कुल उलट
है, जिसमें इस बात की उम्मीद जताई जा रही थी कि तालिबान
महिलाओं को उनके अधिकार देगा। ऐसे में पुराने तालिबान का शासन देख चुके लोगों को
फिर से पुराने वक्त के जुल्म का दौर याद आने लगा है।